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CBSE Board Exam 2025 |
CBSE Board Exam 2025
CBSE Board Exam 2025: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है, मेरे Blog Money2guideline पर। दोस्तों केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान के लिए प्रेरित करना है। इस लेख में, हम इन नए नियमों और उनके प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
परीक्षा तिथियों का विवरण
• CBSE ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा कर दी है:
• कक्षा 10वीं की परीक्षाएं: 15 फरवरी, 2025 से 18 मार्च, 2025 तक
• कक्षा 12वीं की परीक्षाएं: 15 फरवरी, 2025 से 4 अप्रैल, 2025 तक
प्रायोगिक परीक्षाएं, आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट कार्य 1 जनवरी, 2025 से शुरू हो चुके हैं।
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सिलेबस में 15% तक की कटौती
छात्रों के शैक्षणिक बोझ को कम करने और उन्हें गहन अध्ययन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से, CBSE ने कक्षा 10वीं और 12वीं के सिलेबस में 15% तक की कटौती की है। इससे छात्रों को विषयों की गहरी समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।
आंतरिक मूल्यांकन का वेटेज बढ़कर 40%
अब कुल अंकों का 40% आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित होगा, जिसमें प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और आवधिक परीक्षण शामिल हैं। शेष 60% अंक अंतिम बोर्ड परीक्षा पर आधारित होंगे। यह बदलाव छात्रों की समग्र क्षमताओं का आकलन करने के लिए किया गया है।
कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि
CBSE ने प्रश्नपत्रों में कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है:
• कक्षा 10वीं: 50% प्रश्न कौशल-आधारित होंगे।
• कक्षा 12वीं: 50% प्रश्न कौशल-आधारित होंगे।
इसका उद्देश्य छात्रों की विश्लेषणात्मक और व्यावहारिक सोच को परखना है।
न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य
बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों को न्यूनतम 75% उपस्थिति दर्ज करनी होगी। विशेष परिस्थितियों, जैसे चिकित्सा आपात स्थिति या खेल आयोजनों में भागीदारी, में उचित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने पर छूट दी जा सकती है। यह नियम छात्रों को नियमित अध्ययन की आदत डालने के लिए लागू किया गया है।
परीक्षा केंद्रों में CCTV निगरानी
परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, सभी परीक्षा केंद्रों पर CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। इससे परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग को रोका जा सकेगा।
ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान
कुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान किया गया है, जिससे छात्रों को रटने की बजाय समझ पर जोर देने का अवसर मिलेगा। यह कदम शिक्षा में व्यावहारिकता और समझ को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
डिजिटल मूल्यांकन की शुरुआत
चुनिंदा विषयों में डिजिटल मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी। यह कदम तकनीकी उन्नति के साथ शिक्षा प्रणाली को संरेखित करने के लिए है।
दो सत्र परीक्षा प्रणाली
2026 से, CBSE दो सत्र परीक्षा प्रणाली लागू करने की योजना बना रहा है, जिससे छात्रों का वार्षिक मूल्यांकन अधिक समग्र और संतुलित होगा। इससे छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए अधिक अवसर मिलेंगे।
प्रैक्टिकल परीक्षाओं में बदलाव
प्रैक्टिकल परीक्षाएं अब बाहरी परीक्षकों द्वारा आयोजित की जाएंगी, जिससे मूल्यांकन में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। यह कदम छात्रों की व्यावहारिक कौशल का सटीक आकलन करने के लिए उठाया गया है।
तैयारी के लिए सुझाव
इन परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए, छात्रों को निम्नलिखित सुझावों पर विचार करना चाहिए:
1. नियमित उपस्थिति: कक्षाओं में नियमित उपस्थिति बनाए रखें और सक्रिय रूप से भाग लें।
2. आंतरिक मूल्यांकन पर ध्यान: प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और आवधिक परीक्षणों को गंभीरता से लें, क्योंकि वे कुल अंकों का 40% हैं।
3. कौशल-आधारित प्रश्नों की तैयारी: विषयों की गहरी समझ विकसित करें और व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर ध्यान दें।
4. पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास: नए प्रश्न पैटर्न से परिचित होने के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें।
5. समय प्रबंधन: पढ़ाई और आराम के बीच संतुलन बनाए रखें, ताकि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहे।
निष्कर्ष
CBSE द्वारा 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में किए गए ये बदलाव छात्रों के समग्र विकास और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए।
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